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User:Teshaeruthsbsb

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'मूल्यांकन का एक पहलू'

'मूल्यांकन' जैसा कि शब्द संरचना पर गौर करने से स्पष्ट होता है यह दो शब्दों से मिलकर बना है, 'मूल्य + अंकन'। अर्थात् मूल्य का निर्धारण करना। अर्थात् मूल्यांकन कर्ता मूल्यांकन की सहायता से मूल्य का निर्धारण करके उसे विभिन्न स्तरों में विभक्त कर सकता है ।
 मूल्यांकन विभिन्न दशाओं के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकता है -

1. मानवीय मूल्यांकन

2. वस्तुओं का मूल्यांकन/ अमानवीय मूल्यांकन

  1. मानवीय मूल्यांकन - 
      इस मूल्यांकन की सहायता से मूल्यांकन कर्ता मानवीय उपलब्धियों या कमियों का मूल्यांकन कर सकता है। इसके निम्न आधार हो सकते हैं -

1. शैक्षणिक आधार पर मानवीय मूल्यांकन

2. अशैक्षणिक आधार पर मानवीय मूल्यांकन

1.शैक्षणिक आधार पर मानवीय मूल्यांकन -

   इस तरह के मूल्यांकन से मूल्यांकन कर्ता संबंधित विषय-वस्तु की समझ का मूल्यांकन भिन्न-भिन्न विधियों की सहायता से अधिगम के दौरान या अधिगम पूर्ण होने पर करता है। विषय-वस्तु के मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन कर्ता , विषय-वस्तु से संबंधित , अपने अनुसार विधि या प्रश्न निर्माण कर सकता है अथवा मानकीकृत प्रश्नों या विधि का प्रयोग कर सकता है । 
लाभ -
1. मूल्यांकन कर्ता , संबंधित विषय-वस्तु की समझ के स्तर को पहचान सकता है ।
2. विषय-वस्तु की समझ विकसित न होने पर , दूसरी विधि की सहायता से विषय-वस्तु की समझ विकसित किया जा सकता है ।
3. शीघ्र सीखने वाले तथा मंद गति से सीखने वाले विद्यार्थियों की पहचान कर उनके अनुरूप शिक्षण विधि प्रयोग किया जा सकता है ।
4. विद्यार्थी के मानसिक विकार से पीड़ित होने पर , उसके अनुरूप चिकित्सा दी जा सकती है।

2. अशैक्षणिक आधार पर मानवीय मूल्यांकन -

  व्यक्ति में निहित अशैक्षणिक योग्यताओं , जैसे सहनशक्ति , नेतृत्व क्षमता , साहचर्य भावना , भवनात्मक स्थिरता आदि अंतर्निहित क्षमताओं का परीक्षण इस मूल्यांकन की सहायता से किया जा सकता है ।
उदाहरण के लिये - व्यक्तित्व परीक्षण , सामाजिक भावना का परीक्षण , सहयोग की भावना का परीक्षण , नेतृत्व क्षमता परीक्षण आदि के लिए अनेक विधियां तथा योजनाएं बनाई जा सकती हैं ।

लाभ -

1. अशैक्षणिक आधारों पर मूल्यांकन की सहायता से व्यक्ति की प्रवृत्ति का पता लगाया जा सकता है ।
2. व्यक्ति की प्रकृति का निर्धारण किया जा सकता है ।
3. व्यक्ति की सामाजिक या असामाजिक होने  का पता लगाया जा सकता है ।
4. व्यक्तित्व विकार होने पर , आवश्यक उपचार दिया जा सकता है ।
  2. वस्तुओं का मूल्यांकन
        इस मूल्यांकन की सहायता से हम किसी वस्तु या यंत्र की दक्षता या गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकते हैं । इसके लिए अनेक विधियां यथानुसार प्रयोग में लाई जा सकती है ।
लाभ -
1. वस्तुओं या यंत्रों के मूल्यांकन से उसकी कार्यप्रणाली व कार्यक्षमता का पता लगाया जा सकता है ।
2. गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है ।