User:TMMohanSarswat/sandbox/SpotBoy - a short story
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#Spot_Boy a short story
[edit]- Spot_Boy
a short story फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी प्रोडक्शन हॉउस में , स्पॉट बॉय सबसे निचले पायदान पर खड़ा वह व्यक्ति है ... जिसके बिना प्रोडक्शन हॉउस की कल्पना अधूरी ही रहेगी अगर ... स्पॉटबॉय नहीं होगा ... तो ... सेलिब्रिटी के लिये शीशा कौन पकड़ेगा , छतरी लेकर कौन खड़ा होगा , चाय पानी लाकर कौन देगा , स्पॉटबॉय नाम का जीव नहीं होगा तो उनके गुस्से को कौन हज़म करेगा उनके नखरे कौन उठायेगा सितारों की भीड़ में ... स्पॉटबॉय नहीं होगा तो उनके सेलिब्रिटी होने का एहसास उन्हें कौन करायेगा लेकिन ... किन्तु ... परन्तु ... इस स्पॉटबॉय की भी इच्छाएं हैं , ख्वाइशें हैं उसने भी कभी सपने देखे थे .. सपनो के शहर में सितारों की भीड़ में खुद को चमकता सितारा देखा था ... आज वह स्पॉटबॉय सितारों की उसी भीड़ में खड़ा होकर अपने उसी सपने को दूर से देखता है ... धक्के खाता है ... डांट गालियां सुनता है ... तो बस ... उन्हीं सैलिब्रिटी सितारों को करीब से देखने की चाहत में ... वह जानता है सपनो के बिना उम्मीद का होना उम्मीदों के बिना जीत का होना लगभग नामुमकिन होता है इसीलिए तमाम मुश्किलों, अड़चनों, दिक्कतों और समस्याओं के बीच भी जोश व जज्बा पैदा करते हुए स्पॉटबॉय अपने सपनों को जिन्दा रखता है और , जब कोई सैलिब्रिटी सितारा ... उसके साथ हसकर बोलता है ... उससे खुश होकर थैंक्स बोलता है तो ... उसका सीना चौड़ा हो जाता है ... वह अपना दुखदर्द सब भूल जाता है ... स्पॉटबॉय फिर रात भर सो नहीं पाता ... अगले दिन स्पॉटबॉय दुगने जोश के साथ तैयार होता है फिर से ... उन्ही ख्वाइशों के साथ में सपनो के शहर में सैलिब्रिटी सितारों की डांट गालियां सुनने के लिये
- सारस्वत
04052012