Jump to content

User:Manoj Kumar Poddar 1969

From Wikipedia, the free encyclopedia
         सफल कथाकार मुंशी प्रेमचंद 


प्रत्येक युग में कोई ना कोई प्रतिभाशाली युग पुरुष कथाकार , कवि , आते हैं। जो अपने ही युग को नहीं वरन आने वाले युग को दूर से प्रभावित करते हैं। ऐसे प्रमुख कथाकार में प्रेमचंद का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। जिन्होंने अपने नाम से एक युग का श्रीगणेश किया था। प्रेमचंद ने अपने कहानियों में आदर्श उन्मुख और यथार्थवादी बातों का जिक्र मिलता है। प्रेमचंद के पूर्व भी कथा लिखी जा रही थी , लेकिन प्रेमचंद की प्रतिभा इतनी प्रखर थी कि आज तक उसे भुलाया नहीं जा सकता है। प्रेमचंद ने जीवन शैली की धारा से जुड़ कर लिखना प्रारंभ किया जबकि अन्य साहित्यकार कवियों ने जीवन धारा से अलग हटकर लिखा। सन 1915 में प्रेमा वरदान प्रेमचंद का प्रकाशित हुआ जिसमें ग्रामीण जीवन के बृहद चित्रण का वर्णन मिलता हैं। इस प्रकार के उपन्यासों में स्वतंत्रता से पूर्व भारत के मध्यम वर्ग का वर्णन प्रेमचंद ने किया। गबन और निर्मला मध्यमवर्गीय जीवन पर आधारित उपन्यास है आजादी के बाद दौर में उपेंद्रनथ अश्क , धर्मवीर भारती , भगवती चरण वर्मा , निर्मला इत्यादि मध्यमवर्गीय प्रमुख उपन्यासकार हैं। दलित संदर्भ उपन्यास का वर्णन प्रेमचंद के उपन्यासों में दिखाई पड़ता है पांडे बेचन शर्मा उग्र 1928 ईस्वी में बुधवा की बेटी दलित विषय पर 1978 में अमृतलाल नागर ने नाचो बहुत गोपाल । दलितों के जीवन को उजागर करने में इन सारी कथा कारों में प्रेमचंद , जगदीश चंद्र , रामजीवन लाल, के साथ मोहन लाल जैन नेमी श्याम , धर्मवीर, सुशीला आदि उपन्यासकार हुए हैं।

युग के सफल आलोचक कवि डॉक्टर खगेंद्र ठाकुर ने हिंदुस्तान पत्र में प्रेमचंद के संबंध में लिखा था। प्रेमचंद एक किस्सागों थें। जिन्होंने ग्रामीण जीवन के दबे कुचले वर्ग का वर्णन जनता को एक नई दिशा प्रदान किया डॉक्टर खगेंद्र ठाकुर खुद प्रेमचंदोत्तर युगीन इन कथा कारों में गिनती आते थे। जिन्होंने जीवन भर प्रेमचंद के राहों पर चलकर साहित्य में मार्क्सवाद का प्रचार एवं प्रसार करते रहे उनकी शैली और वेशभूषा सदैव प्रेमचंद की जीवन शैली से मिलता रहा डॉ ठाकुर ने कहा हैं - " यदि आज प्रेमचंद होते तो हमारे देश का साहित्य और जीवन शैली नई विचारधारा से जुड़ा होता और कहानी कला का नया नमूना प्रस्तुत होता।" डॉक्टर खगेंद्र ठाकुर नहीं रहे उनकी मृत्यु 13 जनवरी 2020 को हुई आज उनकी कलम की जय हो ................


                                                        प्रस्तुती:- मनोज कुमार पोद्दार
                                                                       शिक्षक