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User:Aabhir

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छात्रो का मुल्यांकन माध्यमिक विद्यालय ( कक्षा 6 से 8 तक) के संदर्भ मे

परिचय-

माध्यमिक शिक्षा छात्रो की बुनियादी शिक्षा होती है जो उनके नीव को मजबूत करता है। जिससे उनका विकास सर्वांगीण होता है इसमे शिक्षको की भूमिका अहम होती है क्योंकि अगर शिक्षक छात्रो का मुल्यांकन सही से करेगा तभी यह संभव हो सकता है अपितु नही।

● उद्देश्य- कक्षा 6 से 8 तक के छात्रो का मुल्यांकन करना।

● मुल्यांकन की विधि-

मुल्यांकन की विधियो को हम निम्न प्रकार समझ सकते है-: ○ मौखिक परिक्षण, ○ प्रदर्शन परिक्षण,○ उपलब्धि परिक्षण

  1. मौखिक परिक्षण-: इसमे एक शिक्षक छात्रो के किसी एक छोटे से विषय के एक भाग के ज्ञान और उसके आत्मविश्वास का परिक्षण करता है और उसका मुल्यांकन करता है।
  2. प्रदर्शन परिक्षण-: इसमे एक शिक्षक छात्रो के किसी विषय पर प्रदर्शन ओर उसके संवाद के तरिके का अवलोकन व मुल्यांकन करता है
  3. उपलब्धि परिक्षण-: इसमे एक शिक्षक छात्रो द्वारा अर्जित ज्ञान का परिक्षण करता है कि उसने क्या सीखा है और क्या नही सीखा है इसका अवलोकन व मुल्यांकन करता है।

● निष्कर्ष-: शिक्षक इन विधियो का उपयोग करके छात्रो का विभिन्न क्षेत्रो मे मुल्यांकन करके उनकी परेशानियो का पता लगाते है और उनका समाधान छात्रो को बताते है,जिससे छात्र अपनी कमियो के बारे मे जानते है और उनको सुधारने पे ध्यान केंद्रित करते है। इससे उनका विकास सही दिशा मे होता है।