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Talk:Sealy & Smith Foundation

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Sources

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Sources to use in the expansion of this article:

-- nsaum75 !Dígame¡ 03:43, 6 December 2010 (UTC)[reply]

जिंदगी जीना

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हम सभी जानते हैं कि मनुष्य जीवन 84लाख योनियों से गुजरने के बाद मिलता है तो हमे हमारी जिंदगी अपने अनुसार जीना चाइए यदि हम दूसरो के अनुसार जीवन व्यतीत करते हैं तो हम अपने आप को खुश नही रख पाते है हम हमेशा हमारे अंदर कामिया निकलते रहते हैं क्योंकि जो खुबिया दूसरो के अंदर होती है वह हमारे अंदर नहीं होती और जो खुबिया भगवान/अल्लाह ने आपको दी है वह किसी के पास नही है इसलिए मेरा तो यही कहना है कि हमे अपने आप को कमजोर नहीं समझाना चाहिए और हमे हमारी तुलना दूसरो से कभी नहीं करनी चाहिए हमे दूसरो के पद चीनो पर न चलकर खुद के अनुसार जीवन व्यतीत करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी आपके पद चीनो पर चले और आप सभी के दिलो में युगों युगों तक जीवित रहे और आपके विचार हमेशा दूसरों का मार्ग दर्शन करते रहे

Writer ✍️ Surendra Thakur 🤗✍️✍️✍️ King of Thakur jwr (talk) 03:34, 27 January 2023 (UTC)[reply]