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Talk:Gangaur

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I reverted to an earlier version of this article, as one of the editors pasted in text taken from this page, which constitutes a copyright violation. --cholmes75 (chit chat) 14:10, 26 May 2006 (UTC)[reply]

WP:INDIA Banner/Rajasthan workgroup Addition

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Note: {{WP India}} Project Banner with Rajasthan workgroup parameters was added to this article talk page because the article falls under Category:Rajasthan or its subcategories. Should you feel this addition is inappropriate , please undo my changes and update/remove the relavent categories to the article -- TinuCherian (Wanna Talk?) - 06:59, 23 June 2008 (UTC)[reply]

suroth main gangaur mela

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[[File:Suroth main gangaur ka mela

  suroth main 150 year se gangaur ki shahi swari nikali jati hai jishko old king suroth mahal se main market se return king mahal main le jaya jata hai . suroth main gangaur par kai karkram hate hain jaise ki kavi smmelan, devijagaran, sudda, dangal,and kai karyakarm hote hai ,, jisko dekhne ke liye kai gav se and kai saharo se log aate hai yaha gangaur par bachho ke manoranjan ke liye rehtak and kai dukane lagti hai ....Small textSuperscript text   — Preceding unsigned comment added by 106.223.201.219 (talk) 10:31, 13 April 2013 (UTC)[reply] 
गणगौर
गणगौर

— Preceding unsigned comment added by Alka Sharma B2 (talkcontribs) 07:10, 29 March 2023 (UTC)[reply]

गणगौर

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यह राजस्थान के प्रमुख त्यौहार में से एक है। यह त्यौहार चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है । गणगौर में गण का अर्थ है शिव जी और गौर का अर्थ है पार्वती माता । यह त्यौहार स्मपूर्ण और अखण्ड प्रेम का प्रतीक है। यह त्यौहार होली के बाद 16 दिन तक मनाया जाता है जिसमे कुंवारी और विवाहित दोनों पूजती है । पूजा के लिए दूब और फूल व पानी और प्रसाद लेकर जाती है । किसी एक लड़की के घर मिट्टी की गणगौर बनाकर उन्हे भोग लगाया जाता है व पानी पिलाया जाता है। इस समय कई गीत गाए जाते हे जैसे खोल ए गणगौर माता, खोल ए किवाड़ी बारै खड़ी थाड़ी पूजन आली, राई ( पार्वती) सी भौजाई( भाभी) दे, कान कवर( शिव) सौ बीरों( भाई) ।

विवाहित अपने अखण्ड सौभाग्य व अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

और कुंवारी लड़कियां सुँदर भाभी व अच्छे वर की मनोकामना करती है ।

गणगौर की सवारी जयपुर की प्रसिद्ध है ।

नाथद्वारा (राजसंमद ) मे गुलाबी गणगौर प्रसिद्ध है। इसमे गुलाबी रंग के वस्त्राभूषण से भगवान का श्रृंगार होता है। Alka Sharma B2 (talk) 07:07, 29 March 2023 (UTC)[reply]